Rajasthan Digital e Patta 2025: राजस्थान में डिजिटल ई पट्टा वितरण शुरू, जाने पूरी खबर

Rajasthan Digital e Patta 2025: अब प्रदेश में आम लोगों को अपने पट्टे के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों और विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि जल्द ही नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार राजस्थान राज्य में Digital E-Lease 2025 शुरू किया जा रहा है,

संबंधित विभाग द्वारा राजस्थान डिजिटल पट्टा 2025 के लिए स्वीकृति भी जारी कर दी गई है। घोषणा के अनुसार तय किए गए क्षेत्रों में अलग-अलग रंगों के डिजिटल ई पट्टे वितरित किए जाएंगे।

Rajasthan Digital e Patta 2025
Rajasthan Digital e Patta 2025

बता दें कि नागरिकों द्वारा तय किए गए मापदंड और शर्तों को पूरा करने पर ही डिजिटल ई पट्टे जारी किए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक डिजिटल पट्टा वितरण प्रक्रिया विभाग के मंत्री द्वारा औपचारिक शुभारंभ के बाद अगले हफ्ते तक शुरू की जा सकती है।

Rajasthan Digital e Patta 2025 – डिजिटल पट्टा रंगीन एवं A-4 साइज का होगा

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी डिजिटल ई-पट्टे निर्दिष्ट क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रंगों में उपलब्ध कराए जाएंगे। नागरिकों को डिजिटल ई पट्टा प्राप्त करने के लिए नागरिकों निर्धारित शर्तों के साथ आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन जमा कराने होंगे। डिजिटल ई-पट्टा जारी करने की समय सीमा 30 दिन निर्धारित की गई है।

इससे पहले आवेदक नागरिकों को उनके मोबाइल नंबर पर सूचना उपलब्ध करवा दी जाएगी। वहीं, आपको बता दें कि राजस्थान में डिजिटल ई-पट्टा की प्रक्रिया लागू होने से नागरिकों को इसके खोने का डर नहीं रहेगा। आवेदक इसे डिजिटल रूप से सहेज कर अपने पास रख सकेंगे। आवेदक अतिरिक्त शुल्क देकर घर बैठे भी अपना पट्टा प्राप्त कर सकेंगे।

Rajasthan Digital e Patta 2025 – राजस्थान डिजिटल ई पट्टा कैसे बनेंगे?

स्वायत्त शासन विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्याम सिंह शेखावत ने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्र में पट्टे के लिए आमजन को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन पट्टा 30 दिन में जारी कर दिया जाएगा। यदि किसी कारण से पट्टे के लिए किया गया आवेदन अस्वीकृत होता है तो आवेदक को इसके कारण सहित सूचित किया जाएगा।

यदि किसी आवेदक को लगता है कि उसका पट्टा गलत तरीके से निरस्त किया गया है तो वह इसके लिए अपील भी कर सकता है। अपील होने पर प्रशासनिक कमेटी की ओर से मामले की जांच की जाएगी। जांच में यदि पाया गया कि पट्टा गलत तरीके से निरस्त किया गया है तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और आवेदक को उसका पट्टा वितरित किया जाएगा।

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